GRAHAK SAMBANDH PRABANDHAN
Thursday, April 20, 2017
ग्राहक सम्बन्ध प्रबन्धन
CUSTOMER RELATION MANAGEMENT
प्रस्तावना
PREFACE
प्रस्तावना
PREFACE
भारत की अर्थव्यस्था में 1990 के दशक की शुरुआत में महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव आने के बाद, उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण ने जोर पकड़ा। आर्थिक सुधारों ने देश के समग्र आर्थिक विकास को गहराई से प्रभावित किया। इससे बैंकिंग एवं वित्त, सूचना प्रौद्योगिकी, बीमा, ऑटोमोबाइल, पेट्रोलियम, उड्डयन, पर्टयन, विनिर्माण, होटल एवं टेस्टॉरेंट, रिटेल, सेवा क्षेत्र आदि अनेक क्षेत्रों की कार्यशैली में सुधर आया और ग्राहक सेवा की प्राथमिकता के महत्व को समझा.
उपयोगिता ह्रास नियम और ग्राहक की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए विक्रेता तथा सेवा प्रदाता, ग्राहक सेवा के सम्बन्ध में निरंतर सक्रिय रहते हैं. इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पुस्तक 'ग्राहक सम्बन्ध प्रबन्धन की रचना की गयी है। इसमें सभी क्षेत्रों के ग्राहकों के सामान्य तथ्यों का समेकित सर प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है। शोधपरक, समीक्षात्मक एवं विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए पेट्रोल पंप ग्राहकों का अध्ययन प्रस्तुत किया गया है, जो कि तुलनात्मकरूप मैं अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रासंगिक हो सकता है.
ग्राहक सम्बन्ध प्रबन्धन एक बहुत ही विस्तृत एवं व्यापक विषय है। इस विषय पर लेखक डॉ राम बरन यादव का अनुभवपूर्ण विश्लेषण बहुत ही सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
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